जानें मौसम कितने प्रकार के होते हैं | भारत की 6 ऋतुओं के नाम | Mausam Kise Kahate Hain | What is weather in Hindi

Mausam Kya Hai
6 Season Name in Hindi

मौसम कितने प्रकार के होते हैं | भारत की ऋतुओं के नाम | Mausam Kise Kahate Hain | What is weather in Hindi: नमस्कार दोस्तों- जैसा कि आप जानते ही होंगे की एक साल में कई मौसम आते हैं जैसे- कि गर्मी, बारिश और सर्दी यह तीन मुख्य मौसम हैं इसी के साथ आपने अक्सर देखा होगा कि सुबह को अलग मौसम रहता है दोपहर को अलग और शाम को अलग मौसम आपके मन में भी यह सवाल आता होगा की यह क्यों होता है ।

जैसा की आपको यह तो पता  ही होगा की पर्यावरण के परिवर्तन के अनुसार मौसम में बदलाव होते हैं, हम जिस वातावरण में रहते हैं उसमें अलग अलग कारकों पर के कारण प्राकृतिक स्थिति बदलती रहती है, तो विभिन्न कारकों के आधार पर बदलती हुई प्राकृतिक स्थिति को हम Mausam Kahate Hain. 

आसान शब्दों में अगर कहें तो आप अपने आसपास के वायुमंडल की स्थिति को कभी भी एक समान नहीं पाएंगे इसमें अलग अलग प्रकार के परिवर्तन होते रहते हैं, इस अलग अलग तरह के परिवर्तनों को अलग अलग शब्दों से परिभाषित किया जाता है, ऐसे में मौसम किसे कहते हैं कितने प्रकार के होते हैं? की पूरी जानकारी होना हम सभी के लिए बहुत आवश्यक है, और आज के इस पोस्ट में हम Mausam Kya Hai, Mausam Kise Kahate Hain, What is weather in Hindi मौसम कितने प्रकार के होते हैं | भारत की 6 ऋतु के नाम | 6 Season Name in Hindi के बारे में विस्तार से जानेंगे। तो आइये सबसे पहले जानते हैं की मौसम किसे कहते हैं।

मौसम क्या है – Mausam Kise Kahate Hain | What is weather in Hindi

What is weather in Hindi ऋतु अथवा मौसम वर्ष की एक अवधि है जो जलवायु परिस्थितियों से अलग होती है, मौसम मुख्य रूप से चार होते हैं  ग्रीष्म, शीत, शरद वसंत और शरद यह मौसम नियमित रूप से एक दूसरे का अनुसरण करते हैं, प्रत्येक मौसम मे अलग तापमान और स्थिति होती है।

आपने यह जरुर देखा होगा कि जब सुबह होती है तो उस समय हमें हल्की ठंड लगती है और जैसे जैसे दिन आगे बढ़ता है, वातावरण का तापमान भी बढ़ता है इसी तरह बिन मौसम की बारिश तो एक आम बात हो गई है, अब ऐसी स्थिति में हमारे मन में दो तरह के विचार उत्पन्न होते हैं।

पहला यह कि यदि गर्मी के मौसम में दिन में बारिश हो तो हम क्या कहेंगे, इस स्थिति में मौसम और जलवायु दो शब्द हमारे सामने आते हैं, इन दोनों को परिभाषित करते समय आप ये कह सकते है की जब वायुमंडल की स्थिति में अचानक से बदलाव हो जाए जिसमें वायु का दाब, पर्यावरण में नमी और भी कई प्रकार की चीजें शामिल है, जो कभी भी अचानक बदल सकती है, तो ऐसी परिस्थिति को हम मौसम या ऋतु शब्द से परिभाषित किया जाता है।

आसान शब्दों में कहा जाये तो वर्तमान स्थिति के वायुमंडल में हुए बदलाव को ही मौसम करते है, मौसम का तात्पर्य हमारे आसपास के वायुमंडल में मौजूदा स्थिति में हवा का दाब कितना है, पर्यावरण में नमी कितनी है गर्मी हो रही है, अथवा घट रही है इसके साथ ही अचानक से होने वाली बारिश को भी हम मौसम कहते हैं।

मौसम को अंग्रेज़ी में क्या कहते हैं – Mausam meaning in English

अंग्रेज़ी में मौसम को वेदर (weather) कहते हैं मौसम शब्द वातावरण की दशा को व्यक्त करने के लिये उपयोग किया जाता है। 

जलवायु क्या है – Jalvayu Kise Kahate Hain

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Jalvayu Kise Kahate Hain

जलवायु किसी बड़े क्षेत्र का औसत मौसम है, जो कि एक लंबे समय से बना रहता है। उदाहरण के लिए- भारत की जलवायु अन्य देशों की तुलना में भिन्न है, यूरोप में ज्यादातर बर्फबारी होती रहती है और भयानक ठंड पड़ती है, वहीँ भारत में ज्यादातर इलाकों में बर्फबारी और सर्दी नहीं होती, आसान शब्दों में यदि किसी क्षेत्र का लंबे समय से एक ही तरह का औसत मौसम बना रहता है, तो उसे उस क्षेत्र की जलवायु कहते हैं।

मौसम जहां कुछ घंटों या दिनों में बदल सकता है, वहीं जलवायु बदलने में सैकड़ों साल तक का समय लगता है, जलवायु शब्द प्रकृति में उपस्थित दो चीजों जल और वायु से मिलकर बना है, वायुमंडल में वायु और जल का अनुपात किसी भी स्थान के लंबे समय का औसत मौसम होता है।

मौसम जलवायु और में क्या अंतर है – Mausam Aur Jalvayu Me Kya Antar Hota Hai

No. मौसम जलवायु
1. मौसम समय के अनुसार अक्सर बदलता रहता है, जैसे दिन में कभी मौसम साफ होता है फिर उसी दिन बारिश भी होने लगती है। जलवायु लंबे समय तक स्थायी अवस्था में होता है जैसे राजस्थान में अधिकतर गर्मी होती है तो वहीँ कश्मीर हमेशा सर्दी का मौसम रहता है।
2. किसी इलाके के विशेष समय की वायुमंडलीय दशाओं जैसे की तापमान, आद्रता, वायु और वर्षा आदि को मौसम कहते है। किसी इलाके में मौसम के दीर्घ कालिक औसत को जलवायु कहते है, और इसका प्रभाव जीवों और वनस्पतियों पर पड़ता है और उन पेड़ पौधों व वनस्पतियों का विकास होता है।
3. मौसम एक घंटे और एक दिन में कभी भी बदल सकता है क्योंकि मौसम की अवधि निश्चित नहीं होती है। जलवायु की निश्चित अवधि होती है, और इसकी दशाएँ साल भर में दृष्टि गोचर होती है।
4. मौसम एक ही इलाके में कई तरह का हो सकता है, जैसे- कभी गर्मी ज्यादा होना तो कभी सर्दी ज्यादा होना। जलवायु एक ही तरह की रहती है जैसे कश्मीर की जलवायु सर्द है तो वहाँ काफी समय सर्दी ही रहती है।
5. मौसम के अध्ययन को मेटेरोलॉजी (meteorology) कहते हैं। जलवायु के अध्ययन को क्लाइमटोलॉजी (climatology) कहते हैं।
6. मौसम का अनुमान कुछ समय पहले लगाया जा सकता है। जलवायु के बारे में सिर्फ संभावना व्यक्त की जा सकती है।
7. मौसम के हिसाब से जीव और पेड़ दिनचर्या में भी बदलाव करते है। जलवायु में जीवों और बृक्षों की दिनचर्या में कोई बदलाव नहीं आता है।

मौसम कितने प्रकार के होते हैं – What are the types of weather?

6 Season Name in Hindi, Mausam (Ritu ke Naam Hindi Mein भारत में उत्तर से लेकर दक्षिण तक कई प्रकार की संस्कृतियां पाई जाती हैं, अलग अलग संस्कृतियों की तरह की भारत में कई तरह की ऋतुएं यानि की मौसम होते हैं, खास प्रकार के मौसम एक साल को कई भागों में बांटते हैं, अमूमन मौसमों को 6 भागों में बांटा गया है, वर्षा, हेमंत, ग्रीष्म, शरद, शिशिर, वसंत, हर मौसम का एक अलग ही उमंग और उत्साह लोगों में देखने को मिलता है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (India meteorological department) ने भारत की जलवायु को निम्नलिखित चार ऋतुओं में बाँटा है- ग्रीष्म, शीत, वर्षा और शरद ऋतु  परन्तु हिन्दू कैलेंडर और भारतीय जलवायु के अनुसार हमारे भारत में एक साल में 6 मौसम आते है, हर मौसम मात्र दो महीने तक चलता है।

हमारे भारत के मुख्य पर्व भी इन्ही मौसमों के अनुसार ही मनाये जाते हैं, जैसे- दिवाली जब आती है तो शरद ऋतु का आगमन होता हैं, और होली आने पर इस ऋतु की समाप्ति होती है, इसकी जगह पर दूसरा मौसम आ जाता है, और इसी तरहर ऋतुओं का बदलाव चलता रहता है। तो आइये जानते हैं भारत की 6 ऋतुओं के नाम और विस्तृत जानकारी Name of Seasons in Hindi

भारत की छह ऋतुओं के नाम हिंदी में (Ritu / Mausam ke Naam Hindi Mein)

ऋतु का हिन्दी नाम ऋतु का अंग्रेजी नाम हिन्दू कैलेंडर के महीने में ऋतु अंग्रेजी कैलेंडर के महीने में ऋतु
ग्रीष्म ऋतु Summer Season ज्येष्ठ से आषाढ़ तक अप्रैल से जून तक
वर्षा ऋतु Rainy Season आषाढ़ से सावन तक जून s अगस्त तक
शीत ऋतु Winter Season माघ से फाल्गुन तक दिसम्बर से फरवरी तक
हेमंत ऋतु Pre Winter Season, Hemat Season कार्तिक से पौष तक अक्टूबर से दिसम्बर तक
शरद ऋतु Autumn Season भाद्रपद से आश्विन तक अगस्त से अक्टूबर तक
वसंत ऋतु Spring Season चैत्र से वैशाख तक मार्च और अप्रैल तक

ग्रीष्म ऋतु (Summer Season)

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6 Season Name in Hindi
जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट हो रहा है ग्रीष्म यानि की गर्मी का मौसम, इस मौसम को अंग्रेजी में Summer Season कहा जाता है, इस ऋतू में सूर्य देव धरती पर जमकर अपनी कृपा बरसाते हैं, इस मौसम में रातें छोटी और दिन बड़े होते हैं, यह सीजन मई और जून में रहता है।
इस समय ग्रीष्म संक्रांति (Summer Solistice) के चलते पुरे भारत में तापमान वृद्धि का एहसास करता है।

इस मौसम में  भारत के उत्तर और उत्तर – पश्चिम भाग में दिन के समय बेहद गर्म हवाएं चलती हैं, जिन्हें लू कहते है, इस मौसम में चूंकि सूर्य का उत्तरायण हो जाता है और अंतरा] उष्णकटिबंधीय कन्वर्जेंस जोन (ITCZ) उत्तर की ओर बढ़ना शुरु हो जाता है, और जुलाई में 250 उ. अक्षांश के ऊपर स्थित हो जाता है।

वर्षा ऋतु (Rainy Season)

What is weather in Hindi
मौसम कितने प्रकार के होते हैं

वर्षा को रैनी सीजन या मॉनसून भी कहा जाता है, भारत के कई इलाकों में रैनी सीजन में खूब बारिश होती है, इस ऋतू में जितने मेहरबान बादल धरती पर होते हैं, ठीक उसी तरह इस सीजन में कई सारे पर्व भी आते हैं, भाई बहन के प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन, कृष्ण जन्माष्टमी, ओणम और गणेश चतुर्थी जैसे कई अन्य त्योहार बारिश के मौसम में मनाए जाते हैं, गर्मी के मौसम में बहुत गर्मी पड़ती है, जिसके कारण अधिकतर तालाब, कुएं और पोखरे सुख जाते हैं और धरती प्यास से तपने लगती है।

लेकिन जब ये मौसम समाप्त हो जाता है, और वर्षा ऋतु का आगमन हो जाता है, तो इस ऋतू में वर्षा की ठंडी बूंदे गर्मी से तपती धरती की प्यास बुझाती है, और सारे सूखे कुओं और तालाब को पानी से भर देती है, वर्षा हो जाने से सभी को तपती गर्मी से राहत मिल जाती है, लगभग जून के महीने से पूरे भारत में बारिश शुरूआत हो जाती है, वर्षा ऋतु की शुरुआत का संकेत देती है, यह मौसम अगस्त माह तक चलता है।

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शीत ऋतु (Winter Season)

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भारत में शीत ऋतु साल का सबसे ठंडा मौसम होता है, जिसे आमतौर पर जनवरी और फरवरी के महीने के बीच माना जाता है, यह हेमंत ऋतु के बाद व बसंत ऋतु के पहले का मौसम होता है, औसत तापमान 23 डिग्री सेल्सियस के लगभग होता है।

हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इसके महीनों को माघ और फाल्गुन के रूप में जाना जाता है, शीत ऋतु में मकर संक्रांति, लोहड़ी, पोंगल, और महाशिवरात्रि सहित कई महत्वपूर्ण आते हैं, इस सीजन के दौरान सबसे ज्यादा ठंड पड़ती है।

और कहीं कहीं पर तो बर्फबारी भी शुरू हो जाती है, बहुत से पहाड़ी इलाके बर्फ की सफ़ेद चादर से ढक जाते हैं, हर मौसम से इस मौसम में ही सबसे ज्यादा सर्दी पड़ती है।

कि लोग रजाई से बाहर भी नहीं निकलना चाहते हैं इस मौसम में कई प्रकार के स्वादिष्ट फल, फूल और सब्जियां उपलब्ध रहती हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी हितकारी होते है।

हेमंत ऋतु (Pre Winter Season, Hemat Season)

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Mausam/Ritu ke Naam Hindi Mein

इस ऋतु को अंग्रेजी में प्री विंटर सीजन कहा जाता है, इसके नाम से ही साफ पता चलता है Winter यानि की सर्दियों का सीजन, इस ऋतु में दिन छोटे और रातें बड़ी होती हैं, इस मौसम में छठ पूजा, दीवाली, भाई दूज जैसे कई प्यारे त्योहार मनाए जाते हैं इस सीजन में मौसम बड़ा ही सुहावना हो जाता है।

और इस ऋतु में सर्दी बढ़ने लग जाती है, जब ये सीजन समाप्त होती है तो ठंड बहुत बढ़ जाती है, अर्थात् शीत ऋतु के पहले जो मौसम आता है उसे ही हेमंत ऋतु कहा जाता है, यह ऋतु अक्टूबर से दिसम्बर के बीच में आता है, हिन्दू कैलेंडर महीनो में इसका समय कार्तिक से पौष तक का होता है, इस सीजन बिदा होते ही सर्दी काफी बढ़ जाती है और शीत ऋतु (Winter Season) का मौसम आगमन शुरू हो जाता है।

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शरद ऋतु (Autumn Season)

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शरद ऋतु में मौसम की गर्मी थोड़ी सी राहत मिल जाती है, इसे अंग्रेजी में ऑटम सीजन (Autumn Season) कहा जाता है, विजयदशमी, शारदीय नवरात्र जैसे पर्व ऑटम सीजन में ही आते हैं, हिन्दू कैलेंडर के महीनो के अनुसार यह मौसम में अश्विन और कार्तिक मास आता है, शरद ऋतु, वर्षा ऋतु के बाद अक्टूबर से आरम्भ होकर दिसंबर के आगमन तक रहता है।

दक्षिण – पश्चिम मॉनसून के धीरे धीरे भारत से लौटने के कारण से इसे अक्सर मॉनसून निवर्तन (Retreating) का मौसम भी कहा जाता है, शरद ऋतु में उत्तरी भारत में बारिश नहीं होती है, परन्तु बंगाल की खाड़ी में बहुत से चक्रवात उत्पन्न होते हैं, जो पूर्वी तट के साथ उत्तर पश्चिम से उत्तर पूर्व की ओर बढ़ते जाते हैं और श्रीलंका और तमिलनाडु के तट में भारी बारिश करते हैं।

वसंत ऋतु (Spring Season)

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वसंत ऋतु में न तो अधिक गर्मी होती है और न ही अधिक सर्दी होती है, इसलिए इसे सभी ऋतुओं का राजा यानि ऋतुराज भी कहा जाता है, स्प्रिंग सीजन (Spring Season) का मौसम बड़ा ही सुहावना और सबका चहेता मौसम होता है, इस ऋतु में बिलकुल भी नमी नहीं होती है, इस मौसम में दिलो दिमाग को सुकून प्रदान करने वाली बहुत ही प्यारी और सुहानी हवा चलती है, ये मौसम हमारे शरीर को ताजागी का एहसास करवाती है, इस ऋतु के दौरान रातें छोटी और दिन लंबा हो जाता है।

इस मौसम का शुरुआत माघ मास की शुल्क पक्ष की पंचमी को होता है, अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार ये मार्च और अप्रैल के दौरान आता है, इस सीजन के दौरान ही भारत के सबसे खास पर्व होली का भी आगमन होता है, यह सीजन धरती के समस्त जीवों का मन मोह लेता है, क्योंकि पतझड़ के बाद आने वाले वसंत के मौसम में फूलों की नई कलियां खिलती हैं. इस मौसम में दिल में एक अलग ही उमंग और उत्साह देखने को मिलता है।

Conclusion

तो दोस्तों- उम्मीद करता हु की आज के पोस्ट को पढ़कर आप एकदम बिस्तार से समझ गए होंगे की Mausam Kise Kahate Hain, Mausam Kya Hai, What is weather in Hindi मौसम कितने प्रकार के होते हैं | भारत की 6 ऋतु के नाम | 6 Season Name in Hindi अगर आपके मन में इस लेख से सम्बंधित कोई भी कोई सवाल अथवा सुझाव है तो आप कमेंट के माध्यम हमारे साथ साझा कर सकते है www.expressmorning.online पर विजिट करने के लिए आपका धन्यवाद… जय हिन्द

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